वीडियो परामर्श

अभी सवाल पूछें

धातु रोग व धात की दवा

धातु रोग क्या है?

मैथुन की इच्छा के बिना मल-मूत्र त्याग करते समय निकलने वाली वीर्य की लार अथवा बूंदों को धातु रोग कहते हैं।

धातु रोग के कारण क्या हैं?

अत्यधिक स्त्री सहवास, हस्तमैथुन तथा अनियमित जीवनशैली के कारण खान-पान के दूषित होने से यह रोग हो जाया करता है। दिनभर बैठे रहने या अधिक सोते रहने से, शक्ति एवं सामथ्र्य से अधिक परिश्रम, मिर्च खटाई एवं तीखी वस्तुओं का अधिक सेवन, पाचन शक्ति की दुर्बलता, सिगरेट, तम्बाकू, चरस, भाँग, गांजा, माँस आदि तथा ऐसे तामसिक भोज्य पदार्थ जो वात और पित्त को बढ़ाने वाले हों, उनको प्रयोग में लाने से धातु रोग हो जाता है।
रोगी के गंदे विचार, उत्तेजक वस्तुओं का खानपान, वीर्य में गर्मी की अधिकता, वीर्य का पतलापन, वीर्य की अधिकता, वीर्य की थैलियों में ऐंठन, हस्तमैथुन, गुदामैथुन, मैथुन की अधिकता, विभिन्न स्त्रियों से सेक्स करना, अधिक साइकिल चलाना, स्वप्नदोष की अधिकता, पेट में कीड़े, लंबे समय तक सेक्स न करना, वृक्कों की कमजोरी, कब्ज़, बवासीर, पथरी, फंगस संक्रमण धातु रोग के कारण होते हैं।

धातु रोग के लक्षण क्या हैं?

खाने का सही से पाचन न होना, खाने-पीने की वस्तुओं से अरूचि, जी मिचलाना, निंद्रा की अधिकता, शरीर में आलस्य का बना रहना, खांसी, मसाने व मूत्र मार्ग में दर्द, हरारत, जलन, प्यास, खट्टी डकारें आना, सुस्ती, कंठ में पीड़ा, भोजन में अरूचि, नींद की कमी, सिर दर्द व श्वास खांसी की शिकायत होना आदि लक्षण होते हैं। दिल दिमाग को कमजोर करने वाला धातु रोग होता है।

धातु रोग की पहचान क्या है?

वात-पित्त और कफ से दूषित होकर चिकने, गाढ़े, सफेद, लेसदार जैसे मलों को साथ लेता हुआ मूत्र जब अनेक रूपों व रंगों में शरीर से बाहर निकलता है, यह धातु रोग की मुख्य पहचान है।

धातु रोग का स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है?

यह शिकायत बहुत ही दुखदायी व मर्दाना शक्ति-तन्दुरूस्ती को खोखला बना देने वाली होती है। धातु रोग में लिंग की नसों में कमजोरी बन जाने से तथा वीर्य पतला हो जाने से, पेशाब के साथ वीर्य घुलकर आने लगता है जो दिखाई भी नहीं देता, लेकिन कमजोरी इतनी बढ़ जाती है कि चलते-फिरते चक्कर आने एवं सांस फूलने की शिकायत बन जाती है। मुंह में खुश्की सी आती रहती है, कामकाज में थकावट जल्दी हो जाती है, शरीर का वजन घटने लगता है, टांगों, पिंडलियों व कमर में दर्द रहने लगता है तथा चेहरे की रौनक व सुन्दरता समाप्त हो जाती है।
धातु रोग के रोगी को शीघ्रपतन होना भी स्वाभाविक है। रोगी दुर्बल, सुस्त एवं साहसहीन हो जाता है। उसे स्नायुविक एवं मानसिक दुर्बलता भी हो जाती है, रोगी की आंखों के नीचे काले-काले खड्ढे पढ़ जाया करते हैं, मर्दाना शक्ति घट जाती है।

धातु रोग का इलाज कैसे किया जाता है?

धातु रोग से निराश व परेशान भाईयों को हमारी यह नेक सलाह है कि वे इधर-उधर के बेअसर नीम-हकीमी इलाजों के चक्कर में न उलझें तथा अपनी शारीरिक व मर्दाना शक्ति तन्दरूस्ती को कमजोर बनाने वाली इस दुखदायी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए सही सटीक इलाज लें, ताकि उनकी ताकत व जवानी का असली खजाना वीर्य उनके शरीर में ही सुरक्षित रहे।

धातु रोग के लिए चेतन क्लिनिक ही क्यों?

  • चेतन क्लीनिक पिछले 25 वर्षों से धातु रोग जैसे गुप्त रोगों का सफलता पूर्वक इलाज कर रहा है और बिना किसी साइड इफेक्ट के दवाओं से गुप्त रोगियों को स्थायी फायदा मिले ऐसे कई शोध पर कामयाबी पा चुका है।
  • चेतन क्लिनिक की विशेषता है कि यहां गुप्त रोगियों की गोपनीयता को सर्वोपरि रखा जाता है।
  • चेतन क्लिनिक में रोगियों का इलाज करते हुए मनोवैज्ञानिक व शारीरिक दोनों ही कारणों को ध्यान में रखा जाता है।
  • चेतन क्लिनिक पूरी काउन्सलिंग के बाद इलाज के साथ-साथ डाइट, उचित जीवन शैली, व्यायाम व घरेलू उपाय आदि की भी पूरी सलाह देता है।
  • यदि आप में से कोई भी धातु रोग जैसे गुप्त रोगों से पीड़ित है, तो दिल्ली एनसीआर में पुरूषों की सेक्स समस्या के लिए सबसे अच्छा सेक्स क्लीनिक चेतन क्लीनिक के सेक्सोलाॅजिस्ट डाॅक्टर्स से निःसंकोच परामर्श कर स्थायी (च्मतउंदमदज) इलाज प्राप्त करें।
  • धातु रोग कोई स्थायी समस्या नहीं है। यह पूरी तरह से सही धात की दवा लेने पर जड़ से ठीक हो जाती है। इसलिए आज ही चेतन क्लीनिक से सम्पर्क करें।


धातु रोग के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्र. 1) धातु रोग कितने प्रकार के होते हैं?

धातु रोग मुख्यतः 3 प्रकार के होते हैं-

  • कफज धातु रोग- यह 10 प्रकार के होते हैं।
  • पित्तज धातु रोग- यह 6 प्रकार के होते हैं।
  • वात धातु रोग- यह 4 प्रकार के होते हैं।

प्र. 3) क्या धातु रोग का इलाज संभव है?

जी बिल्कुल, धातु रोग का इलाज संभव है। वैसे भी आजकल धातु रोग होना एक आम समस्या है। इससे आपको घबराने या डरने की कोई जरूरत नहीं है। आप निश्चिंत होकर इलाज व परामर्श के लिए हमसे मिल सकते हैं।


प्र. 4) धातु रोग को कैसे रोक सकते हैं?

निम्न कदम उठाकर धातु रोग को रोका जा सकता है -

  • हस्तमैथुन व अप्राकृतिक मैैथुन जैसी गलतियों को छोड़कर।
  • असंतुलित जीवन शैली को सुधार कर।
  • नशे की आदत छोड़कर।
  • योगा व व्यायाम द्वारा अपना पाचन शक्ति को बढ़ाकर।
  • मन के अवसाद, चिंता, भय को दूर कर, खुद पर आत्मविश्वास रखकर।

प्र. 5) धातु रोग की समस्या से कैसे निपटें?

    धातु रोग की समस्या से निपटने का एक मात्र तरीका सही सटीक धात की दवा करवाना ही है, क्योंकि यह रोग कई प्रकार का होता है इसलिए तर्जुबेकार आयुर्वेदिक सेक्सोलाॅजिस्ट से ही धात की दवा करवायें।


प्र. 5) धातु रोग बार-बार होने वाला रोग तो नहीं है?

    नहीं, धातु रोग बार-बार होने वाला रोग नहीं है। यदि संयमित जीवन शैली योग व्यायाम को निरंतर किया जाये और तामसिक आहार-विहार से बचा जाये, तो यह फिर से नहीं होता।


प्र. 6) धातु रोग की समस्या के लिए टिप्स:

  • पर्याप्त नींद लें।
  • सुबह की हवा लाख रुपए की दवा।
  • अवसाद व चिंता से बचें।
  • खुद के सेक्सोलाॅजिस्ट न बनें।
  • संतुलित आहार का सेवन करें।
  • सभी तरह के नशे की लत से बचें।
  • पोर्न वीडियो, अश्लील साहित्य व कामुक विचार से परहेज करें।
  • धातु रोग का अनुमान होते ही शर्म, संकोच छोड़कर चिकित्सा करायें।

Ask a free question :

Get free opinion from senior sexologist

Gupt Rog - Sex Samasya


Quick Enquiry

हमारी विशेषतायें

बी.ए.एम.एस. आयुर्वेदाचार्यों की टीम
लाखों पूर्ण रूप से संतुष्ट मरीज
साफ-सुथरा वातावरण
किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं
हमारी खुद की प्रयोगशाला है
1995 से स्थापित
Patient friendly staff
9001 - 2008 सर्टिफाइड क्लीनिक
हिन्दुस्तान के दिल दिल्ली में स्थापित क्लीनिेक पर बहुत आसानी से पहुंचा जा सकता है। बस, मैट्रो, रेल की सुविधा।
हिन्दुतान में सबसे अधिक अवार्ड्स प्राप्त
आयुर्वेदाचार्य हिन्दी स्वास्थ पत्रिका ‘‘चेतन अनमोल सुख’’ के संपादक भी है
कई मरीज रोज क्लीनिक पर इलाज करवाने आते हैं जो मरीज क्लीनिक से दूर हैं या पहुंच पाने में असमर्थ होते हैं या आना नहीं चाहते तो वो फोन पर बात कर, घर बैठे इलाज मंगवाते हैं

Offer

Gupt Rog Doctor offer
Gupt Rog Doctor facebook

REVIEWS